Sun. Apr 27th, 2025

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 पर कवितायें, त्याग की मूरत पर कविता (International Women’s Day Poem in Hindi)

केवल एक दिन को मान लेने से क्या महिलाओं को वास्तव में सम्मान मिलता है? महिला त्याग की मूर्ति के रूप में उपलब्ध हैं, जिन्हें देवी का सम्मान मिलता है। किसी पुरुष में हजार हाथियों की शक्ति हो सकती है, पर महिला की शक्ति और उसके त्याग की भावना सभी को परे करती है। भले ही समाज ने उसे कई बार दुःख पहुंचाया हो, पर उस महिला ही समाज की सुख-संपत्ति की आधारशिला है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता

(International Women’s Day Poem in Hindi)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक महत्वपूर्ण क्षण है जो विश्वभर में महिलाओं की स्तुति और सम्मान के लिए समर्पित है। कई देश इस दिन को उत्सव के रूप में मनाते हैं और विभिन्न तरीकों से इसका समर्थन करते हैं, लेकिन इसके पीछे एक महत्वपूर्ण प्रश्न है: क्या महिलाएं वास्तव में विश्वभर में उन्हें वह सम्मान मिलता है जो उन्हें स्वीकारना चाहिए? क्या महिलाएं अपने घर और देश में सुरक्षित और सुरक्षित हैं? महिलाओं के अधिकारों की चर्चा महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे पहले उनकी सुरक्षा को ही ध्यान में रखना चाहिए। इस प्रकार, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समाज के मूल्यों और प्राथमिकताओं का एक आईना के रूप में काम करता है।

हालांकि एक अकेले दिन न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रेरित कर सकता है, बल्कि यह महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक विचार करने का एक अनमूल्य अवसर प्रदान करता है। इसलिए, इस मौके के महत्व को कम करना गलत होगा। बल्कि हम साथ मिलकर इस दिन को महत्वपूर्ण बनाने के लिए काम करें, ताकि महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में संयुक्त प्रयासों को प्रोत्साहित किया जा सके।

हिंदी कविता नारी त्याग की मूरत

हिंदी कविता नारी त्याग की मूरत ( International Women’s Day Poem in hindi)

कुछ माँगा नहीं,कुछ चाहा नहीं,
बदला बस खुद को,कि रिश्ता टूट ना जाये कहीं.

आदतों को बदला,चाहतों को बदला,
भले मेरे अरमानों ने,अपनी करवट को बदला.

समन्दर की एक बूंद बन जाऊं भले,
बस समन्दर में मेरा अस्तित्व तो रहें.

धूल का एक कण भी में बन ना सकी,
मेरे त्याग की ओझल हो गई  छबि.

 

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