SEO क्या है, मतलब, फुल फॉर्म, कैसे करें, वेबसाइट (Search Engine Optimization (SEO) Tips In Hindi) (SEO Kya hai, Kaise kare, Blog ka seo kaise kare, kaise kam karta hai, Full Form)
SEO का मतलब है “Search Engine Optimization” यानि किसी वेबसाइट को सर्च इंजन्स में ऊपर लाने की प्रक्रिया। यह उन संग्रहकों के सेट ऑफ कानून होता है जो एक वेबसाइट को अधिक दृश्यता और विश्वासीयता प्राप्त करने में मदद करते हैं। जब एक वेबसाइट के पेज्स को सर्च इंजन में उच्च रैंक मिलता है, तो इससे वेबसाइट की यात्रा बढ़ती है और अधिक लोगों तक पहुंचती है।
SEO क्या है एवं कैसे करें [SEO Tips in Hindi]
जब हम एसईओ के बारे में बात करेंगे, तो मैं आज अपने ब्लॉग में हिंदी में एसईओ टिप्स के बारे में लिखा है, ताकि जो कोई भी परेशानी मुझे हुई है, वह किसी और को न हो। लेकिन, अगर आपने अभी तक वेबसाइट नहीं बनाई है, तो कृपया वेबसाइट बनाने की प्रक्रिया को जानने का प्रयास करें। तो कृपा वेबसाइट बनाने का तरीका यहाँ जरूर पढ़े करें.
SEO का फुल फॉर्म (Full Form)
SEO की फुल फॉर्म ‘सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन’ है
Search Engine Optimization (What is Search Engine Optimization in hindi)
Search Engine Optimization (SEO) एक तकनीक है जिसका उपयोग किया जाता है ताकि एक वेबसाइट को सर्च इंजन में अधिक दृश्यता मिल सके। यह एक प्रकार का ऑनलाइन मार्केटिंग है जिसका मुख्य उद्देश्य यह है कि आपकी वेबसाइट के पेज्स को सर्च इंजन्स में ऊपर लाया जाए ताकि अधिक लोग उसे देख सकें।
SEO के द्वारा, आप अपनी वेबसाइट को विभिन्न तरीकों से अनुकूलित कर सकते हैं ताकि वह सर्च इंजन्स के अल्ग-अलग एल्गोरिदम के अनुसार उच्च रैंक प्राप्त करे। यह विभिन्न तकनीकों और रणनीतियों का समूह है जो आपको अपने वेबसाइट की सामग्री, डिजाइन, और तकनीकी विशेषताओं को अधिक दृश्यता और यूजर अनुकूलता के साथ पेश करने में मदद करता है।
इसमें कई तरह के काम होते हैं, जैसे कि कीवर्ड रिसर्च, अंतरजाल लिंकिंग, यूजर अनुभव, सामग्री बनावट, मेटा टैग्स, वेबसाइट की गति, सोशल मीडिया प्रचारना, और अन्य। ये सभी तकनीकें मिलकर आपके वेबसाइट को सर्च इंजन्स में ऊपर ले जाते हैं और उसकी दृश्यता बढ़ाते हैं।
इस तकनीक का प्रयोग करके, आप अपनी वेबसाइट को अधिक यूजर अनुकूल बना सकते हैं, और आपके लक्ष्य के अनुसार अधिक ट्रैफिक और अधिक उपयोगकर्ता अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
- हर क्रॉल हर वेबसाइट और पेज पर जाता है और वेबसाइट का चयन हाइपरटेक्स्ट लिंक के माध्यम से किया जाता है, फिर पेजों को इंडेक्स किया जाता है।
- इस तरह से इंडेक्स किए गए पेजों को एक स्थान पर स्टोर किया जाता है।
- इंडेक्सिंग के बाद, उपयोक्ता के क्वेरी के अनुसार परिणाम प्रदान किए जाते हैं, जिसमें क्वेरी के कीवर्ड को इंडेक्स पेजों के साथ मिलाकर सबसे उपयुक्त परिणाम प्रदान किया जाता है।
SEO टिप्स [SEO Tips]
ब्लॉगिंग के माध्यम से घर बैठे पैसा कमाने का अवसर है, लेकिन इसके लिए आपके पास लेखन कौशल और सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) का ज्ञान होना चाहिए। इससे आपके द्वारा लिखे ब्लॉग्स को गूगल जैसे सर्च इंजन्स पसंद करेंगे और पढ़ने के लिए पाठकों को आसानी से मिलेंगे। पहले आपको SEO के बारे में जानने की आवश्यकता होगी और आर्टिकल लिखते समय कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को अपने आर्टिकल में शामिल करना होगा। यदि आप इसे करते हैं, तो आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ेगा और अधिक से अधिक लोग आपकी वेबसाइट पर आएंगे, जिससे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ेगी।
SEO का महत्व in hindi
एसईओ (SEO) एक अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीक है जो वेबसाइट को सर्च इंजन में ऊपर लाने और उसे अधिक दृश्यता प्राप्त करने में मदद करती है। यह साइट की सामग्री, संरचना, और अन्य तत्वों को संशोधित करके सर्च इंजन के अल्गोरिदम के अनुसार स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है। यहाँ एसईओ का महत्व कुछ विस्तृत बिंदुओं में समझाया गया है:
- विश्व स्तर पर प्रतिस्थापन: एसईओ के माध्यम से, वेबसाइट को विश्व स्तर पर प्रतिस्थापित किया जा सकता है। जब उपयोगकर्ता किसी विषय पर सर्च करते हैं, तो एसईओ विशेष कीवर्ड्स का उपयोग करके उन्हें अधिक वेबसाइट पर पहुँचने में मदद करता है।
- वेबसाइट की दृश्यता: एसईओ वेबसाइट की दृश्यता को बढ़ाता है, जिससे अधिक लोग उसे देखते हैं और उसके बारे में जानकारी हासिल करते हैं।
- उपयोगकर्ता अनुकूलता: एसईओ के माध्यम से, वेबसाइट को उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जा सकता है, जिससे उन्हें अधिक सुविधा मिलती है और उनका अनुभव बेहतर होता है।
- वेबसाइट की गति: एसईओ वेबसाइट की गति को बढ़ाता है, जिससे उपयोगकर्ता को त्वरित और स्मूथ अनुभव मिलता है।
- ब्रांड वृद्धि: अच्छी एसईओ वेबसाइट को ब्रांड के रूप में स्थानांतरित करता है, जिससे उसकी पहचान और मान्यता बढ़ती है।
सर्च इंजन कैसे काम करता हैं (Overview Of Search Engine Optimization)
सर्च इंजन वेब पेज को खोजने और उपयोगकर्ताओं को उनकी खोज के आधार पर प्राथमिकता देने के लिए विशेष तकनीक का उपयोग करते हैं। जब आप किसी खोज का अनुरोध करते हैं, तो सर्च इंजन अपने अल्गोरिदम का उपयोग करके लाखों वेब पेजों के बीच खोज करता है और आपको सबसे मिलता जुलता परिणाम प्रदान करता है।
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) एक तकनीक है जिसका उपयोग किया जाता है ताकि वेबसाइट को सर्च इंजन में अधिक दृश्यता मिल सके। इसका महत्व इसलिए है क्योंकि ज्यादा दृश्यता साइट की प्रतिष्ठा बढ़ाती है, जिससे वेबसाइट पर अधिक व्यापारिक संभावनाएं होती हैं।
क्राव्लिंग
क्रावलिंग, जिसे अंग्रेजी में “Crawling” भी कहा जाता है, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) के एक महत्वपूर्ण पहलू है जो सर्च इंजन द्वारा वेबसाइटों की सामग्री को संग्रहित करने की प्रक्रिया होती है। यह एक तकनीकी प्रक्रिया है जिसमें सर्च इंजन के बॉट्स या वेब क्रॉलर्स वेब पेजों को अद्यतन करने के लिए इंटरनेट पर घूमते हैं।
इंडेक्सिंग
इंडेक्सिंग, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) का एक महत्वपूर्ण चरण है जो सर्च इंजन के द्वारा क्रॉल किए गए वेब पेजों को संग्रहित करने की प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में, सर्च इंजन वेबसाइटों के प्रत्येक पेज की सामग्री को अद्यतन करता है और इसे अपने इंडेक्स में शामिल करता है।
इंडेक्सिंग के दौरान, सर्च इंजन एल्गोरिदम्स (प्रोग्राम) वेब पेजों की सामग्री को विभिन्न मानक पैरामीटर्स और विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत करते हैं। इससे सर्च इंजन समझता है कि प्रत्येक पेज का विषय क्या है और यह उपयोगकर्ताओं के लिए कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।
इस तरह, इंडेक्सिंग सर्च इंजन में अच्छी रैंकिंग प्राप्त करने और वेबसाइट के लिए अधिक यूजर्स को आकर्षित करने में मदद करता है। यह एक महत्वपूर्ण एसईओ प्रक्रिया है जो वेबसाइट की विज्ञापन, उपयोगकर्ता अनुभव, और ट्रैफिक को प्रभावित कर सकती है।
मैचिंग
SEO में “मैचिंग” एक प्रमुख अवधारणा है जो संबंधितता को समझने में मदद करती है। जब उपयोगकर्ता एक खोज क्वेरी को दर्ज करता है, तो सर्च इंजन उसे संबंधित और उपयुक्त पेजों की सूची प्रदान करता है। यह प्रक्रिया “मैचिंग” के द्वारा होती है, जिसमें सर्च इंजन खोज क्वेरी और वेबसाइटों की सामग्री के बीच मिलान करता है।
मैचिंग दो प्रमुख प्रकार का होता है:
- क्यूरी-टू-डॉक्यूमेंट मैचिंग (Query-to-Document Matching): इसमें, सर्च इंजन खोज क्वेरी के माध्यम से दिए गए शब्दों और वेब पेजों के टाइटल, मेटा टैग्स, सामग्री आदि के बीच मैच करता है। यदि किसी पेज की सामग्री में खोज क्वेरी के संबंधित शब्द होते हैं, तो उस पेज को अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
- क्यूरी-टू-क्यूरी मैचिंग (Query-to-Query Matching): इसमें, सर्च इंजन उपयोगकर्ता के प्रदत्त क्वेरी को अनुकूलित करने के लिए उपयोगकर्ता के इतिहास, स्थान, और अन्य परिमाणीय आंकड़ों को ध्यान में रखता है। इस प्रकार की मैचिंग उपयोगकर्ता के पसंद और रुझानों के साथ मेल खाती है और उसे विशिष्ट अनुभव प्रदान करती है।
SEO कैसे करें (Kaise Kare)
एक वेबसाइट को सर्च इंजन में शीघ्रता से टॉप 10 में पहुंचाने में समय लगता है। ऐसी वेबसाइट को लगभग 6 महीने का समय देना चाहिए, ताकि इसकी क्राव्लिंग, इंडेक्सिंग, और मैचिंग प्रक्रिया सही ढंग से हो सके। इसके लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करें:
SEO के प्रकार (SEO Types) –
SEO के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिन्हें वेबसाइट के विकास और प्रचार में मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ कुछ मुख्य SEO के प्रकार हैं:
- ऑन-पेज SEO
- ऑफ-पेज SEO
- तकनीकी SEO
- लोकल SEO
- वीडियो SEO
ये हैं कुछ मुख्य SEO के प्रकार, जिन्हें वेबसाइट की सामर्थ्य और प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद मिलती है।
ऑन-पेज SEO (On Page SEO)
यह उन सभी तकनीकों को संदर्भित करता है जो आपके वेब पेज के अंदर कार्य करते हैं, जैसे कीवर्ड अनुसंधान, मेटा टैग्स, सामग्री विन्यास, अद्यतन सामग्री, अधिक बाउंस रेट को कम करना, और यूजर अनुभव को बेहतर बनाना।
On Page SEO फैक्टर्स
- वेबसाइट डिजाइन: आपकी वेबसाइट का डिजाइन सरल और उपयोगकर्ता के लिए सहज होना चाहिए। यह आपके विषय को स्पष्ट रूप से प्रकट करना चाहिए।
- वेबसाइट स्पीड: आपकी वेबसाइट की स्पीड तेज होनी चाहिए ताकि उपयोगकर्ता अनुभव बेहतर हो। गूगल भी तेज स्पीड वाली वेबसाइटों को पसंद करता है।
- वेबसाइट स्ट्रक्चर: आपकी वेबसाइट का स्ट्रक्चर स्पष्टता और संगठन को प्रकट करना चाहिए। यह गूगल को आपकी वेबसाइट के विषय के बारे में समझने में मदद करता है।
- मोबाइल फ्रेंडली: आपकी वेबसाइट को मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए अनुकूलित किया जाना चाहिए।
- वेबसाइट फ़ेविकॉन: एक छोटा सा आइकन होता है जो वेबसाइट की पहचान का अहम हिस्सा है। यह आपकी वेबसाइट को अन्य वेबसाइटों से अलग बनाने में मदद करता है। फ़ेविकॉन विभिन्न प्लेटफ़ॉर्मों पर वेबसाइट का प्रतिनिधित्व करता है, जैसे कि ब्राउज़र टैब्स, बुकमार्क्स, और विभिन्न डेवाइसों के मोबाइल स्क्रीन्स पर। यह आपकी वेबसाइट को पहचानने में मदद करता है
- टाइटल टैग और मेटा डिस्क्रिप्शन: हर पेज के लिए उपयुक्त टाइटल टैग और मेटा डिस्क्रिप्शन लगाना चाहिए ताकि गूगल और उपयोगकर्ताओं को साफ़ रूप से पता चले कि पेज के विषय क्या है।
- कीवर्ड डेंसिटी: कीवर्ड डेंसिटी को सही मात्रा में रखना चाहिए। अत्यधिक कीवर्ड इस्तेमाल ब्लैकहैट SEO का कारण बन सकता है।
- इमेज ऑल टैग: जब आप अपने कंटेंट में शब्द का उपयोग करते हैं और उसे इमेज ऑल टैग में भी शामिल करते हैं, तो यह गूगल द्वारा बहुत जल्दी क्रॉल किया जाता है। ऑन-पेज सेटिंग का यह एक महत्वपूर्ण विशेषता है। जब भी आप किसी छवि को कंटेंट के बीच में डालते हैं, तो उसे इमेज ऑल टैग के साथ जोड़ना अत्यंत आवश्यक है, ताकि आपके कंटेंट के साथ आपकी छवियां भी ऑन-पेज सेटिंग के अनुसार समेत की जा सकें।
- URL स्ट्रक्चर: आपके कंटेंट या वेबसाइट का यूआरएल स्ट्रक्चर कैसा है, यह भी ऑन-पेज सेटिंग में देखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यूआरएल से पता चलता है कि आपकी वेबसाइट के कौन से पेज या ब्लॉग में किस विषय पर चर्चा की गई है।
- इंटरनल लिंक: एक ब्लॉक को दूसरे ब्लॉक के साथ इंटरलिंक करने से आपकी वेबसाइट का ट्रैफिक एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक तक जाता है, जिससे ट्रैफिक बढ़ता है और ऑन-पेज सेटिंग को संशोधित करने में मदद मिलती है। इंटरलिंकिंग करना ट्रैफिक और ऑन-पेज सेटिंग को बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- हाईलाइट इम्पॉर्टेंट कीवर्ड: जो भी महत्वपूर्ण कीवर्ड आपने अपने कंटेंट में उपयोग किए हैं, उन्हें हाइलाइट जरूर करें, क्योंकि इससे गूगल उन कीवर्ड को जल्दी समझता है और आपके कंटेंट को जल्दी क्रॉल करता है।
- यूज हेडिंग टैग: जब आप वर्डप्रेस में ‘कॉन्टेंट’ लिखकर पोस्ट करते हैं, तो वहां कुछ हेडिंग टैग भी होते हैं। सामान्यत: उपयोग किए जाने वाले हेडिंग टैग H1 से H6 तक होते हैं। आपके कंटेंट का मुख्य हिस्सा h1 टैग में होना चाहिए, और अन्य हेडिंग टैग को आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकता है। यह आपके कंटेंट को आकर्षक बनाता है और ऑन-पेज SEO में मदद करता है।
- पोस्ट गुड लेंथ: ऑन-पेज सेटिंग में, आपके कंटेंट में कितने शब्दों का उपयोग किया गया है, यह महत्वपूर्ण होता है। आपका कंटेंट किसी भी विषय पर हो, और उस विषय से संबंधित सभी जानकारी को पोस्ट में शामिल किया जाना चाहिए। ऑन-पेज SEO के लिए, कम से कम 2000 शब्दों का कंटेंट तैयार करना जरूरी होता है।
- गूगल साइट मैप: आपके ब्लॉग या पोस्ट को सर्च इंजन तक पहुंचाने के लिए, गूगल साइट मैप में आपके ब्लॉग या पोस्ट का लिंक शामिल किया जाता है, ताकि गूगल के सर्च इंजन में आपका ब्लॉग जल्दी से खोजा जा सके।
- चेक ब्रोकन लिंक्स: कभी-कभी, पोस्ट के दौरान कुछ पॉइंट या लिंक छूट जाते हैं, जिससे आपकी पोस्ट या ब्लॉग के लिंक ब्रोकन हो जाते हैं। ऐसे लिंक को गूगल में क्रॉल नहीं किया जाता है, इसलिए समय-समय पर अपनी वेबसाइट पर डाले हुए ब्लॉग या पोस्ट के लिंक की जाँच करते रहें।
- SEO फ्रेंडली URL: आपके कंटेंट का URL SEO फ्रेंडली होना चाहिए, यानी यह छोटा, सरल, और सार्थक होना चाहिए। इससे आपके URL को खोजने वाले व्यक्ति आसानी से पहुंच सकते हैं। यदि कोई गूगल में खोज करता है, तो आपके URL को जल्दी से क्रॉल किया जा सकता है।
- गूगल एनालिटिक्स: आपको अपनी वेबसाइट पर आने वाले पाठकों की संख्या और उनका समय जानने के लिए अपनी वेबसाइट को गूगल एनालिटिक्स के साथ जोड़ना बहुत महत्वपूर्ण है।
- सोशल मीडिया बटन: आपकी वेबसाइट पेज पर सोशल मीडिया से संबंधित सभी बटन होने चाहिए, ताकि कोई पाठक आपकी पोस्ट को पसंद करता है तो उसे आसानी से अपने सोशल मीडिया खातों पर शेयर कर सके।
- एचटीएमएल पेज साइज: आपकी वेबसाइट का HTML पेज साइज गूगल एल्गोरिदम के अनुसार होना चाहिए। यह ऑन-पेज सेटिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- Clear Page cache: कभी-कभी, गूगल पेज कैश में कुछ कूड़ा कचरा आ जाता है, जिसे आपको समय-समय पर साफ करना चाहिए। यह आपके वेबसाइट की प्रदर्शन गति को बढ़ावा देता है।
- वेबसाइट सिक्योरिटी Https: आपकी वेबसाइट और ब्लॉग की सुरक्षा का ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी है। आपको अपनी वेबसाइट को सुरक्षित रखने के लिए HTTPS और अन्य सुरक्षा उपायों का उपयोग करना चाहिए।इन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देने से आप अपनी वेबसाइट को सुधार सकते हैं और अधिक ऑन्लाइन दृश्यता प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफ-पेज SEO (Off Page SEO)
ऑफ-पेज एसईओ (Off-page SEO) वह तकनीक है जो आपकी वेबसाइट की खोज इंजन रैंकिंग और दृश्यता को बढ़ाने के लिए अपनी वेबसाइट के बाहर किए गए उन प्रयासों का संदर्भ देती है। जबकि ऑन-पेज एसईओ (On-page SEO) आपकी वेबसाइट के अंतर्गत तत्वों को अनुकूलित करने पर ध्यान केंद्रित करता है, ऑफ-पेज एसईओ उसमें शामिल होने वाले क्रियाओं को दर्शाता है जो आपकी वेबसाइट के बाहर होती हैं और सामान्यतः बैकलिंक निर्माण, सोशल मीडिया व्यापार और अन्य प्रमोशनल गतिविधियों को शामिल करती है। ऑफ-पेज एसईओ आपकी वेबसाइट की प्राधिकरण, प्रतिष्ठा और प्रासंगिकता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होता है, जिससे अंततः उच्च रैंकिंग और अधिक ज्यादा प्राकृतिक ट्रैफिक प्राप्त होता है।कुछ सामान्य ऑफ-पेज एसईओ तकनीकों में शामिल हैं:
- लिंक निर्माण: प्रतिष्ठित वेबसाइटों से उच्च गुणवत्ता के बैकलिंक प्राप्त करना ऑफ-पेज एसईओ का मौलिक पहलू है। ये बैकलिंक आपकी साइट की प्राधिकरण और प्रासंगिकता के लिए “विश्वास के वोट” का काम करते हैं, जिससे खोज इंजन आपकी वेबसाइट को एक मूल्यवान स्रोत के रूप में मानते हैं।
- सोशल मीडिया व्यापार: सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सक्रिय भागीदारी, ब्रांड जागरूकता बढ़ाने, आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने और सामाजिक संकेतों को उत्पन्न करने में सहायक हो सकती है।
- सोशल बुकमार्किंग: सोशल बुकमार्किंग साइटों पर अपनी वेबसाइट की सामग्री साझा करने से उसकी दृश्यता बढ़ सकती है और अधिक आगंतुकों को आकर्षित कर सकती है।
- अतिथि ब्लॉगिंग: अपने नियश्चित क्षेत्र में अन्य ब्लॉगरों के लिए अतिथि पोस्ट लिखना आपको उनके साथ संबंध बनाने में मदद कर सकता है और आपकी वेबसाइट के लिए बैकलिंक प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
- ऑनलाइन प्रतिष्ठा प्रबंधन: अपने ऑनलाइन प्रतिष्ठा का प्रबंधन करना ऑफ-पेज एसईओ के लिए महत्वपूर्ण है।ऑफ-पेज एसईओ के अद्यतन और सक्रिय रहने के लिए उपरोक्त तकनीकों का नियमित उपयोग करना आवश्यक है।
तकनीकी SEO (Technical SEO) –
तकनीकी एसईओ (Technical SEO) एक एसईओ की प्रकार है जो वेबसाइट की तकनीकी संरचना और कोडिंग के माध्यम से काम करती है। इसका मुख्य उद्देश्य वेबसाइट को सर्च इंजन के लिए स्वास्थ्यपूर्ण और अच्छे संरचनित बनाना होता है, ताकि सर्च इंजन उसे अच्छे से समझ सके और उच्च रैंकिंग प्रदान कर सके। यह तकनीक निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है:
- साइट स्पीड और प्रदर्शन: तकनीकी एसईओ वेबसाइट की लोडिंग गति, पेज के लोडिंग समय, और प्रदर्शन के माध्यम से उसकी साइट स्पीड और प्रदर्शन को अनुमानित करती है।
- मोबाइल अनुकूलन: आजकल सर्च इंजन अधिकांश ट्रैफिक को मोबाइल डिवाइस से प्राप्त करते हैं, इसलिए तकनीकी एसईओ वेबसाइट की मोबाइल अनुकूलता को ध्यान में रखती है।
- साइट संरचना: यह सुनिश्चित करती है कि वेबसाइट की संरचना और यूआरएल रूपरेखा उपयोगकर्ता और सर्च इंजन के लिए सहज है।
- टेक्निकल टैग्स: यह सुनिश्चित करती है कि मेटा टैग्स, टाइटल टैग्स, हेडिंग टैग्स, और अन्य तकनीकी टैग्स सही ढंग से सेट किए गए हैं।
- साइट मैप्स और रोबोट्स टेक्स्ट: इन तकनीकी एलिमेंट्स का उपयोग साइट की विश्वसनीयता को बढ़ाने और सर्च इंजन को साइट के संरचना को स्वीकार करने में मदद करता है।
- सिक्योरिटी और वेबसाइट सुरक्षा: इसमें वेबसाइट की सुरक्षा, डेटा एन्क्रिप्शन, और अनुपातित कंटेंट के खिलाफ रक्षा को ध्यान में रखा जाता है।
तकनीकी एसईओ वेबसाइट की तकनीकी संरचना को बेहतर बनाने में मदद करती है ताकि यह सर्च इंजन के लिए समझने में आसान हो, और उसे उच्च रैंकिंग प्रदान कर सके।
लोकल SEO (Local SEO)
लोकल एसईओ (Local SEO) वह एसईओ तकनीक है जो किसी निश्चित क्षेत्र या स्थान के लिए वेबसाइट या व्यवसाय को प्रमोट करने के लिए उपयोग की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य वहाँ स्थित उपभोक्ताओं को आकर्षित करना होता है जिन्हें स्थानीय व्यवसाय या सेवाओं की तलाश होती है। यह तकनीक विभिन्न कार्यों का समर्थन करती है जैसे कि स्थानीय सर्च प्रोमोशन, वेबसाइट की स्थानीय सेटिंग, स्थानीय लिस्टिंग और स्थानीय विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए।लोकल एसईओ के मुख्य तत्वों में निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- गूगल माइ बिजनेस लिस्टिंग (Google My Business Listing): यह व्यवसायिक स्थानों के लिए नि: शुल्क सेवा है जो उन्हें गूगल खोज और मानचित्र में प्रदर्शित करती है।
- स्थानीय कीवर्ड अनुसंधान (Local Keyword Research): स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए खोज शब्दों की खोज करना और उन्हें वेबसाइट पर उपयोग करना।
- स्थानीय सेटिंग: वेबसाइट के मेटा डेटा, कंटेंट और अन्य तत्वों को स्थानीयता के अनुसार अनुकूलित करना।
- स्थानीय लिंक बिल्डिंग: स्थानीय संस्थानों, समुदायों, और डायरेक्टोरियों से लिंक प्राप्त करना।
- समीक्षा प्रबंधन: ग्राहक समीक्षाओं का प्रबंधन करना और सकारात्मक समीक्षाओं को प्रोत्साहित करना।
लोकल एसईओ का उद्देश्य स्थानीय व्यवसायों को अधिक दृश्यता, वेबसाइट यातायात, और ग्राहकों को आकर्षित करने में मदद करना होता है।
वीडियो SEO (Video SEO)
वीडियो एसईओ (Video SEO) वह तकनीक है जिसका उपयोग वीडियो कंटेंट को वेबसाइट या वीडियो होस्टिंग प्लेटफ़ॉर्म पर प्रमोट करने के लिए किया जाता है। यह वीडियो कंटेंट को खोज इंजन रैंकिंग में ऊपर लाने के लिए विभिन्न तकनीकी और कॉन्टेंट संबंधित कार्रवाईयों का समर्थन करता है। यह वीडियो अनुभाग अधिक सामाजिक साझा के साथ उपयोगकर्ताओं को अधिक जनसंख्या तक पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है।वीडियो एसईओ के मुख्य तत्वों में निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- खोज शब्द अनुसंधान (Keyword Research): वीडियो कंटेंट के लिए उपयुक्त खोज शब्दों का अनुसंधान करना जो उपयोगकर्ताओं को आपके वीडियो को खोजने में मदद कर सकते हैं।
- वीडियो शीर्षक (Video Title): अच्छे और आकर्षक शीर्षक का चयन करना जो उपयोगकर्ताओं को आपके वीडियो को क्लिक करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
- वीडियो विवरण (Video Description): विस्तृत वीडियो विवरण जो वीडियो की सारांशिक जानकारी प्रदान करता है और खोज इंजन को आपके वीडियो की सामग्री को समझने में मदद करता है।
- टैग (Tags): वीडियो टैग जो वीडियो के संदेश को और अधिक खोजने में मदद करते हैं।
- वीडियो थंबनेल (Video Thumbnail): आकर्षक और वीडियो की सारांशिक छवि को प्रस्तुत करने के लिए एक उत्कृष्ट थंबनेल का चयन करना।
- संबंधित वीडियों (Related Videos): अपने वीडियो को दूसरे रिलेटेड और लोकप्रिय वीडियो के साथ जोड़कर और संबंधितता बनाने के लिए।
- सामाजिक मीडिया शेयरिंग (Social Media Sharing): वीडियो को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर साझा करना जिससे उपयोगकर्ताओं के बीच प्रसार हो सके।
- अनुवाद (Translation): वीडियो सामग्री का अनुवाद करके अधिक लोगों तक पहुंचना।
- संदर्भीय लिंक (Backlinks): अन्य वेबसाइटों पर आपके वीडियो का संदर्भ करके उसकी प्रमोशन करना।
वीडियो एसईओ का उद्देश्य वीडियो सामग्री को अधिक दर्शकों तक पहुंचाना और उपयोगकर्ताओं को वीडियो को देखने के लिए प्रेरित करना होता है।
SEO Technique के प्रकार
आपके द्वारा उल्लिखित SEO तकनीकों को दो मुख्य प्रकार में विभाजित किया जा सकता है:
व्हाइट हैट एसईओ (White Hat SEO):
यह SEO तकनीकें वेबसाइट की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सर्च इंजन की नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करती हैं। इसमें वेबसाइट के लिए गुणवत्ता युक्त और मान्य बैकलिंक बनाना, उपयोगकर्ता अनुकूल और उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार करना, विश्वसनीय और गुणवत्ता युक्त सामग्री तैयार करना शामिल होता है।
ब्लैक हैट एसईओ (Black Hat SEO):
यह SEO तकनीकें वेबसाइट की रैंकिंग को बढ़ाने के लिए सर्च इंजन की नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती हैं। इसमें कुछ गलत तकनीकें शामिल होती हैं जैसे की क्लोकिंग, क्लिकबेटिंग, कंटेंट क्लोनिंग, और अनैग्राम बैकलिंकिंग। ये तकनीकें सामाजिक और नैतिक मानकों के खिलाफ होती हैं और आमतौर पर गूगल के अल्गोरिदम के द्वारा खोजा जाता हैं और ऐसी साइटों की पहचान करते हैं, जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है।